Dhanteras 2025 की सच्ची तिथि: शनिवार 18 अक्टूबर, शु​भ मुहूर्त शाम 7:16‑8:20 बजे

अक्तूबर 19, 2025

जब Dhanteras 2025New Delhi का शु​भ समय घोषित हुआ, तो कईयों को AstroYogi के साथ-साथ Calendarr, Drik Panchang और Astrosage से मिली अनिश्चितता ने घुंघराला बना दिया। 13वीं तिथि यानी Trayodashi तिथि 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 तक चलती है, परंतु पूजा का मूलभूत समय "प्रदोष काल" में पड़ता है – जो 18 अक्टूबर शाम 5:48 बजे से 8:20 बजे तक है। यही कारण है कि आधिकारिक पंचांग विशेषज्ञों ने 18 अक्टूबर को ही सही माना है।

तिथि‑समय को लेकर उत्पन्न भ्रम

समस्या इसी में थी कि कई लोग Gregorian कैलेंडर के आधार पर 19 अक्टूबर को ढँता देख रहे थे, क्योंकि Trayodashi तिथि का अंत उसी दिन दोपहर में होता है। परन्तु हिन्दू पंचांग के सिद्धांत के अनुसार, तिथि का प्रभाव तब मान्य माना जाता है जब वह सूर्यास्त‑के‑बाद के "प्रदोष काल" में मिले। इसलिए AstroYogi ने स्पष्ट किया कि 18 अक्टूबर ही उस अत्यंत शुभ क्षण को धारण करता है।

शु​भ मुहूर्त का विस्तृत विवरण

New Delhi के लिये AstroYogi ने शाम 7:16 बजे से 8:20 बजे तक का मुहूर्त निकाल रखा है – कुल 1 घंटा 4 मिनट का समय। दूसरे आँकड़े के अनुसार Astrosage ने 7:17:35 बजे से 8:19:58 बजे तक का समय बताया, जो थोड़ा ही अंतर रखता है। दोनों ही सुझाव "प्रदोष काल" के भीतर ही हैं, जिससे पूजा‑पाठ, धन‑संपत्ति की खरीद‑फरोख्त और दीया‑बत्ती जलाने का शुभ समय तय हो जाता है।

धन्वन्तरी और दन्तकथा

धनतेरस का मौलिक अर्थ है "धन + तेरह" – अर्थात् कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि। इस दिन Lord Dhanvantari का अवतार, जो विष्णु भगवान का रूप है, सामुद्र मंथन से अमृत के कलश को लेकर प्रकट हुए थे। इस कथा के अनुसार, उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों और अमरता का नुस्खा मनुष्यों को दिया, जिससे यह दिन स्वास्थ्य‑समृद्धि से जुड़ा माना जाता है।

धनतेरस की रीति‑रिवाज़ और आर्थिक महत्व

इतिहास में व्यापारी वर्ग इस दिन अपने पुराने बहीखाते बंद कर नए बहीखाते खोलते थे – इसका मकसद वित्तीय समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक बनाना था। आजकल लोग सोने‑चांदी की खरीदारी, नए बर्तन और लक्ज़री सामान लेकर लकीर में प्रवेश करते हैं। Times of India ने बताया कि इस मुहूर्त में “Laxmi‑Ganesh” के आइडल, नवीन झाड़ू और अन्य गृहस्थी उपयोगी वस्तुएँ खरीदना लाभकारी होता है। आर्थिक प्रवाह को देखना भी रोचक है – 2024 में धनतेरस के दौरान आयातित सोने की कीमतें लगभग 5 % बढ़ी थीं, और कई रिटेलर्स ने इस तारीख को सबसे अधिक बिक्री वाले दिन के रूप में दर्ज किया।

विशेषज्ञों की राय और आगे क्या?

विशेषज्ञों की राय और आगे क्या?

एक ज्योतिषी, वर्तमान शर्मा, ने कहा, "प्रदोष काल में सूर्य के साथ चंद्रमा का विशेष कोण इस दिन को आर्थिक उन्नति के लिए अनुकूल बनाता है।" वहीं, आर्थिक विश्लेषक सुष्मिता पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष के धनतेरस में सोने की कीमतों में अचानक गिरावट नहीं देखी जाएगी, क्योंकि उपभोक्ता विश्वास उच्च बना हुआ है।

भविष्य की दिशा – दीवाली श्रृंखला

धनतेरस के बाद 20 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी और 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा (दीपावली) मनाई जाएगी। यह क्रमिक उत्सव पंचांग विज्ञान, मान्यताओं और आर्थिक खर्च के संगम को दर्शाता है। इस साल भी कई ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म ने “स्मार्ट खरीदारी” को बढ़ावा दिया है, जिससे ग्रामीण‑शहरी अंतर कम हो रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धनतेरस के शु​भ मुहूर्त का समय क्यों बदल सकता है?

मुहूर्त का निर्धारण सूर्य‑चंद्रमा की युग्मस्थिति, स्थानीय समय (IST) और प्रदोष काल के आधार पर किया जाता है। विभिन्न पंचांग सॉफ्टवेयर में अल्प अंतर (एक से दो मिनट) आ सकता है, इसलिए ऑनलाइन कैलेंडर में थोड़ा‑बहुत भिन्नता दिखती है।

यदि Trayodashi तिथि 19 अक्टूबर तक चलती है, तो क्यों 18 अक्टूबर मनाया जाता है?

हिंदू पंचांग में तिथि का प्रभाव वही दिनों में माना जाता है जब वह प्रमुख पूजा‑समय (जैसे प्रदोष काल) में हो। क्योंकि 18 अक्टूबर की शाम को Trayodashi तिथि प्रकट हुई, इसलिए यह दिन आध्यात्मिक और ज्योतिषीय रूप से मान्य है।

धनतेरस पर सोने‑चांदी की खरीदारी क्यों फायदेमंद मानी जाती है?

प्राचीन समय में यह दिन व्यापारियों की नई बही‑खाते खोलने का प्रतीक था, जिससे धन‑संपदा में वृद्धि का आशीर्वाद माना जाता था। आधुनिक वित्तीय विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इस अवसर पर बाजार में मांग बढ़ती है, जिससे कीमतों में अस्थायी स्थिरता आती है।

धनतेरस के बाद किन-किन त्योहारों का क्रम है?

धनतेरस के एक दिन बाद 20 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) और फिर 21 अक्टूबर को मुख्य दीपावली (लक्ष्मी पूजा) मनाई जाती है। यह पाँच‑दिन की दीवाली श्रृंखला का पहला कड़ी है।

क्या Dhanteras 2025 की तिथि सभी भारतीय शहरों में समान है?

हां, पंचांग के अनुसार 18 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय स्तर पर मान्य है, क्योंकि Trayodashi तिथि का प्रसार भारत के अधिकांश क्षेत्र में एक ही समय पर होता है। स्थानीय समय में थोड़ा‑बहुत अंतर हो सकता है, पर मुख्य तिथि नहीं बदलती।