चेन्नई और तमिलनाडु में भारी बारिश की चेतावनी: 18 नवंबर को 55.96 मिमी, रामनाथपुरम में फिर बादल फटने का खतरा

नवंबर 16, 2025

18 नवंबर 2025 को चेन्नई में 55.96 मिमी बारिश का अनुमान है — यह सिर्फ एक दिन की बारिश नहीं, बल्कि एक ऐसी घटना है जो शहर की जलनिकास प्रणाली को टेस्ट कर देगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्काईमेट वेदर के अनुसार, तमिलनाडु के कई जिलों में 13 से 29 नवंबर तक लगातार भारी बारिश की स्थिति बनी रहेगी, जिसमें रामनाथपुरम जैसे क्षेत्र जो पिछले हफ्ते बादल फटने के कारण बाढ़ में डूब गए, फिर से बादल फटने के खतरे के बीच जीवन जिएंगे। यह बारिश केवल ठंडक लाने के लिए नहीं, बल्कि जीवन-मरण का सवाल बन चुकी है।

नवंबर का बारिश का तूफान: चेन्नई का सबसे भारी महीना

चेन्नई के लिए नवंबर सिर्फ एक महीना नहीं, बल्कि एक मौसम है। औसतन 373.6 मिमी बारिश होती है — ज्यादातर पूर्वोत्तर मानसून के कारण, जो यहां अक्टूबर के अंत से दिसंबर तक चलता है। इस साल, 1 नवंबर से 13 नवंबर तक मीनंबक्कम वेधशाला में 37 मिमी और नुंगमबक्कम में 10 मिमी बारिश दर्ज हुई। अब जो बारिश आ रही है, वह इस औसत को तोड़ने की ओर बढ़ रही है।

14 नवंबर को तापमान 23.6°C से 28.5°C के बीच रहा, लेकिन अगले दिन गर्मी का जादू टूटने लगा। 15-16 नवंबर को तापमान 22.8°C से 28.3°C के बीच गिर गया — यह शहर के लिए अच्छी खबर लगती है, लेकिन बारिश के साथ आने वाली नमी ने एक अलग तरह की तकलीफ शुरू कर दी।

रामनाथपुरम: बादल फटने के बाद फिर चेतावनी

12 नवंबर को रामनाथपुरम में बादल फटने के कारण दर्जनों घर बह गए, चार लोग मारे गए। अब आईएमडी ने 25 और 26 नवंबर को फिर से रामनाथपुरम के लिए नारंगी चेतावनी जारी की है। यहां के लोग कह रहे हैं — "हम बारिश का इंतजार नहीं कर रहे, हम बचने की तैयारी कर रहे हैं।"

बादल फटने का मतलब है — कुछ घंटों में 100 मिमी से ज्यादा बारिश। यह ऐसा नहीं होता जब बादल धीरे-धीरे भरते हैं। यह तब होता है जब हवा की गति, नमी और ऊंचाई का अजीब मिश्रण एक बार में सब कुछ छोड़ दे। रामनाथपुरम की भूमि पहले से ही सिकुड़ चुकी है। अब एक और बादल फटने से जान-माल का नुकसान अपरिहार्य लग रहा है।

चेन्नई के जिले: स्कूल बंद, सड़कें बंद, बिजली गिर रही है

15 नवंबर तक चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू में पीली चेतावनी जारी की गई। स्कूल बंद। बसें रुकीं। लोग घरों में बंद। इसका कारण? 17 नवंबर को 22.33 मिमी और 18 नवंबर को 55.96 मिमी की बारिश की भविष्यवाणी। यह एक दिन में चेन्नई के लिए एक अर्ध-वार्षिक औसत है।

16 से 22 नवंबर के बीच, आईएमडी ने तिरुनेलवेली, थूथुकुडी और कन्याकुमारी में बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। यमुना रायतवाड़ी न्यूज (YRVN.in) के अनुसार, निचले इलाकों के निवासियों को अपने घरों के नीचे के कमरों को खाली करने की सलाह दी गई है। एक रामनाथपुरम के रहने वाले ने कहा — "हमने अपने बच्चों के लिए बैग तैयार कर लिए हैं। अगर बारिश शुरू हो गई, तो हम बस भाग जाएंगे।"

25-29 नवंबर: दूसरा तूफान आ रहा है

25-29 नवंबर: दूसरा तूफान आ रहा है

जब लोग सोच रहे थे कि 18 नवंबर के बाद राहत मिल जाएगी, तो आईएमडी ने 25 से 29 नवंबर के लिए फिर से नारंगी और पीली चेतावनी जारी की। चेन्नई और उसके पड़ोसी जिलों में 27 और 28 नवंबर को भारी बारिश की संभावना है। तिरुवल्लूर और वेल्लोर के लिए 29 नवंबर एक बड़ा दिन हो सकता है।

यह दूसरा तूफान क्यों? क्योंकि पूर्वोत्तर मानसून अभी खत्म नहीं हुआ। यह तमिलनाडु की वार्षिक बारिश का 48% योगदान देता है। और इस बार, यह विशेष रूप से तीव्र है। आईएमडी के वैज्ञानिकों का कहना है — "हमने पिछले 15 सालों में ऐसा लगातार बारिश का पैटर्न नहीं देखा।"

क्या होगा अगले हफ्ते?

अगले 72 घंटों में चेन्नई के बहुत सारे इलाके जलभराव के शिकार हो सकते हैं। राज्य सरकार ने आपातकालीन टीमों को तैनात कर दिया है, लेकिन बारिश की तीव्रता इन टीमों के लिए चुनौती बन रही है। एक आपातकालीन अधिकारी ने कहा — "हम बारिश के बाद बचाव करते हैं। अब हम बारिश के दौरान भी बचाव कर रहे हैं।"

29 नवंबर के बाद जब बारिश रुकेगी, तो तमिलनाडु की खेती और जल संसाधनों को राहत मिलेगी। लेकिन शहरी इलाकों में नुकसान बहुत बड़ा होगा। जिन लोगों के घर बाढ़ में डूब गए, उनके लिए यह बस एक बारिश नहीं, बल्कि एक नया जीवन शुरू होने का संकेत है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

चेन्नई में 18 नवंबर को 55.96 मिमी बारिश का मतलब क्या है?

यह एक दिन में चेन्नई के औसत मासिक बारिश का लगभग 15% है। ऐसी बारिश शहर की जल निकासी प्रणाली को बर्बाद कर सकती है — खासकर जहां नहरें अव्यवस्थित हैं। 2015 के बाद से यह सबसे बड़ी एकल दिन की बारिश हो सकती है।

रामनाथपुरम में बादल फटने की चेतावनी क्यों दी गई है?

रामनाथपुरम की भूमि अत्यधिक अपरिवर्तित है और नदियां बहुत तेजी से बहती हैं। पिछले हफ्ते के बादल फटने के बाद, जमीन का संरचनात्मक समर्थन कमजोर हो गया है। अगली बारिश में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

स्कूल बंद करने का क्या कारण है?

15-18 नवंबर के बीच चेन्नई और उसके पड़ोसी जिलों में बिजली गिरने की संभावना अधिक है। साथ ही, सड़कें जलभराव से अक्षम हो सकती हैं। बच्चों को बाहर निकालने का जोखिम लेने के बजाय, सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया है।

क्या यह बारिश जलवायु परिवर्तन का परिणाम है?

वैज्ञानिकों का मानना है कि अरब सागर के तापमान में वृद्धि और नमी के बढ़ने के कारण दक्षिण भारत में बारिश की तीव्रता बढ़ रही है। 2020 के बाद से तमिलनाडु में बादल फटने की घटनाएं 40% बढ़ गई हैं।

क्या आईएमडी ने कभी इतनी लंबी बारिश की भविष्यवाणी की है?

हां, लेकिन बहुत कम। पिछली बार 2019 में चेन्नई में 15 दिनों तक लगातार बारिश हुई थी। लेकिन इस बार बारिश के दौरान तापमान और नमी का संयोजन अद्वितीय है — यह एक नए पैटर्न का संकेत हो सकता है।

क्या लोगों को अपने घरों को छोड़ना चाहिए?

अगर आप निचले इलाकों में रहते हैं, तो आपको राज्य सरकार के आपातकालीन निर्देशों का पालन करना चाहिए। रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली और चेन्नई के तटीय इलाकों में रहने वालों को अपने घरों के नीचे के कमरों को खाली करने और आपातकालीन बैग तैयार करने की सलाह दी गई है।