संस्कृति की तुलना – भारतीय और विश्व की आदतों को समझें

आपने कभी सोचा है कि एक ही बात अलग‑अलग देशों में कैसे देखी जाती है? जैसे ‘नमस्ते’ कहना, ‘हाथ मिलाना’ या ‘खाना साझा करना’। इन छोटे‑छोटे मोटीफ़ों में ही संस्कृति का बड़ा अंतर छिपा होता है। यहाँ हम रोज‑मर्रा के उदाहरणों से दिखाएंगे कि हमारी रीति‑रिवाज़ कैसे विश्व भर में बदलते हैं और किन बातों में हम एक‑दूसरे से मिलते‑जुलते हैं।

भोजन की टेबल पर क्या बदलता है?

भारत में दोपहर का भोजन अक्सर चावल, दाल और सब्ज़ी के साथ होता है। वहीं इटली में पास्ता और टमाटर सॉस मुख्य होते हैं। दोनों जगहों में ‘परिवार के साथ खाना खाने’ की भावना एक जैसी है, पर स्वाद, मसाले और प्लेटिंग अलग‑अलग होते हैं। अगर आप विदेश यात्रा पर हैं, तो स्थानीय खाने को आज़माएँ – वहीँ की रसोइयों का तरीका आपको उनकी संस्कृति की एक झलक देगा।

समारोह और उत्सव: समानता और विविधता

भारत में दिवाली के दौरान घरों को दीयों से सजाना और मिठाइयाँ बाँटना सामान्य है। अमेरिका में थैंक्सगिविंग पर टर्की और कुटुंब के साथ धन्यवाद कहना प्रमुख है। दोनों उत्सवों में ‘आभार व्यक्त करना’ का मूल विचार समान है, पर परिधान, संगीत और रिवाज़ अलग होते हैं। ऐसे विरोधाभास हमें यह सिखाते हैं कि खुशी को मनाने के कई रास्ते होते हैं।

अगर आप सोशल मीडिया पर देखते हैं कि लोग कैसे अपने उत्सव साझा करते हैं, तो कई बार आपको यह लगेगा कि एक ही बात दो देशों में अलग‑अलग रूप ले रही है। जैसे ‘हाई फाइव’ का जश्न – ये हाथ मिलाने का तरीका भारत में नई पीढ़ी के बीच लोकप्रिय हो रहा है, जबकि जापान में बायें हाथ से नहीं, बल्कि हल्की झुकाव से अभिवादन किया जाता है। छोटे‑छोटे अंतर हमें नई संस्कृतियों को समझने में मदद करते हैं।

कामकाजी माहौल में भी फर्क दिखता है। भारत में दफ़्तरी मीटिंग अक्सर चाय के साथ शुरू होती है, जबकि जर्मनी में मीटिंग से पहले तुरंत एजेंडा पर चर्चा होती है। फिर भी, दोनों देशों में टीमवर्क और समय की क़दर एक जैसी है। इस तरह के अंतर हमें लचीलापन सिखाते हैं और यह बताते हैं कि ‘काम करने का तरीका’ भी संस्कृति का हिस्सा है।

एक और रोचक उदाहरण है खेल। IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) में कुसल मेंडिस जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मैदान में आते हैं, जबकि भारत में क्रिकेट को राष्ट्रीय भावना माना जाता है। इस खेल में विदेशी खिलाड़ियों का हिस्सा बनना, सांस्कृतिक आदान‑प्रदान का एक प्लेटफ़ॉर्म बनता है। इससे दर्शक भी विभिन्न देशों की खेल शैली देख पाते हैं।

अंत में, संस्कृति की तुलना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह हमारे सोचने के ढाँचे को खोलता है। जब हम समझते हैं कि कौन‑सी बात हमारे लिये ‘सामान्य’ है और कौन‑सी ‘विदेशी’, तो हम अधिक सहिष्णु और खुले होते हैं। इस पेज पर मिलने वाले लेख आपको इन अंतर को समझने और अपनाने में मदद करेंगे। तो पढ़ें, सीखें और अपनी दैनिक ज़िंदगी में नई चीज़ों को अपनाने की कोशिश करें।

जुलाई 31, 2023

यूएसए और भारत में रहने का अनुभव कैसा होता है?

भाई, अमेरिका और भारत में रहने का अनुभव तो बिल्कुल अलग-अलग होता है, जैसे आलू और गोलगप्पे! अमेरिका में तो सब कुछ डिजिटल होता है, वहां पर तो लोग भी लगते हैं एंड्रॉयड! और भारत, वाह भारत! यहाँ पर तो दिल से जीते हैं लोग, मासालेदार खाना, रंग-बिरंगी साड़ियाँ, और बाप रे बाप, ट्रैफिक! दोनों देशों में अपना अपना मजा है, बस आदत हो जाने की बात है। इसलिए दोस्तों, जीने का मजा तो जीने में ही है, चाहे वो अमेरिका हो या भारत!