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बोलीं सीएम राजे, राजस्थान की बेटियां देश-विदेश में बढ़ा रही हैं प्रदेश का गौरव

webdesk | Saturday, November 4, 2017 11:12 AM IST

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार ने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और महिला स्वावलम्बन के लिए पिछले चार सालों में तमाम प्रयास किए हैं, जिसके चलते सुदूर आदिवासी क्षेत्र की लड़कियां भी देश-विदेश में अपने आपको स्थापित करने में सफल होकर प्रदेश का गौरव बढ़ा रही हैं.

सीएम राजे शुक्रवार को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में बू्रकिंग्स इंस्टीट्यूट इंडिया सेन्टर में उर्वशी साहनी द्वारा लिखित 'रीचिंग फॉर द स्काई-एम्पावरिंग गर्ल्स थू्र एजुकेशन' पुस्तक का लोकार्पण करने के बाद बोल रही थीं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने राज्य की हर ग्राम पंचायत स्तर पर सीनियर सेकंडरी स्कूल की सुविधा प्रारम्भ की है, जबकि 2013 में प्रदेश की 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में ऐसे स्कूल नहीं थे, जिनके कारण बड़ी संख्या में बालिकाएं 10वीं के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती थीं.

सीएम राजे ने बताया कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्कूलों में साइकिलों और ट्रांसपोर्ट वाउचर्स का वितरण व निशुल्क सेनेटरी नैपकिन्स सहित कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.

तीन लाख से अधिक बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. प्रतिभावान छात्राओं के लिए गार्गी पुरस्कार की शुरुआत की गई है, जिससे अब तक 8 लाख से अधिक बालिकाओं को सम्मानित किया जा चुका है. राजश्री योजना के तहत परिवार में बालिका के जन्म से लेकर 12वीं क्लास तक की शिक्षा तक का खर्चा उठाने के लिए विशेष राशि दी जा रही है, जिसका लाभ अब तक 6 लाख से अधिक बालिकाओं को मिला है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी प्रयासों से प्रदेश में साक्षरता की दर में वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा से जीवन में बदलाव को केन्द्र में रख कर लेखिका साहनी ने बहुत ही सराहनीय काम किया है, जो सम्पूर्ण समाज के लिए प्रेरणा दायक रहेगा.

कार्यक्रम के प्रारंभ में किताब की लेखिका ने पुस्तक की विषय-वस्तु पर प्रकाश डाला. संस्थान के अधिशाषी निदेशक डॉ. हर्षवर्धन सिंह और शिक्षाविद वृंदा स्वरूप ने भी अपने विचार रखे.

इस मौके पर बालिका शिक्षा पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन और पैनल वार्ता का आयोजन भी किया गया. इस दौरान राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवार भी मौजूद थे.